Yaad Aaya Kuch to....

Got in mood to write something after a long time... But by the way I'm going to spend summers, a lot more seems in pipelines :)

जब तेरी धुन में जिया करते थे
हम भी चुपचाप पिया करते थे
आँखों में प्यास हुआ करती थी
दिल में तेरी तलाश हुआ करती थी

लोग आते थे कुछ ग़ज़ल सुनने को
हमारी जुबान हुम्हारा ही बयां करती थी
सच समझते थे तेरी वफाओं को
रात दिन तेरी खुमारी में रहा करते थे

किसी वीराने में तुमसे मिल कर
दिल में गुलशन खिला करते थे
घर की दीवारों को सजाने के लिए
हम तुम्हारे ही नाम लिखा करते थे

वो भी क्या 'कलिंग' दिन हुआ करते थे
तुम्हे भुलाकर तुम्हे याद किया करते थे
कल तुम्हे मुद्दत के बाद देखा तो
याद आया कभी हम भी मोहब्बत किया करते थे

Keep Smiling
- Kalinga...

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