बावरा मन देखने चला एक सपना-- Kalingaa...
बावरा मन देखने चला एक सपना
बावरे से मन की देखो बावरी हैं बातें
बावरे से मन की देखो बावरी हैं बातें
बावरी सी धड़कने हैं, बावरी हैं साँसें
बावरी सी करवटों से निंदिया दूर भागे
बावरे से नैन चाहे, बावरे झरोखों से, बावरे नज़रों को ताकना.
बावरा मन देखने चला एक सपना
बावरे से इस जहाँ में बावरा एक साथ हो
इस सयानी भीड़ में बस हाथों में तेरा हाथ हो
बावरी सी धुन हो कोई, बावरा एक राग हो
बावरी सी धुन हो कोई, बावरा एक राग हो
बावरे से पैर चाहें, बावरों तरानों के बावरे से बोल पे थिरकना.
बावरा मन देखने चला एक सपना
बावरा सा हो अंधेरा, बावरी खामोशियाँ
बावरा सा हो अंधेरा, बावरी खामोशियाँ
थरथरती लौ हो मद्धम, बावरी मदहोशियाँ
बावरा एक घूँघटा चाहे, हौले हौले बिन बताए, बावरे से मुखड़े से सरकना,
बावरा मन देखने चला एक सपना
Baawra Man (बावरा मन और बंजारे सपने)
This song has been the inspiration for a long time and best describes my thoughts, atleast as of now.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment