बात बात में उनका बेबाक कुछ बात कह जाना....-- Kalingaa...
वो कहते कहते भी अपना राज़ छुपा जाना....
आने से उनके हर चिराग का दहक के जल जाना....
फिर भी हमारे घर में कुछ अंधेरे कोनों का रह जाना....
वो अशोक का जीत लेना पूरा हिंद अपने शौर्य से....
फिर भी कलिंग के खंडहरों से अपना गरूर हार जाना....
to be continued as there is no way to complete the thoughts
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