A gem from 60s....
दोनों ने किया था प्यार मगर
मुझे याद रहा तू भूल गयी
मैने तेरे लिए रे जाग छोड़ा
तू मुझको छोड़ चली
तूने मुझसे किया था कभी वादा
मेरी ताल पे तू दौड़ी चली आएगी
कैसा बंधन है प्यार क्या ये बंधन
इसे छोड़ के तू कैसे चली जाएगी
क्या यही है वफ़ा मुझे ये तो बता
मेरी महुआ, वो तेरे वादे क्या हुए
क्या यही है वफ़ा, मुझे ये तो बता, मेरी महुआ
ओ मेरी जाना
दोनो ने किया इक़रार मगर
मुझे याद रहा तू भूल गयी
मैने तेरे लिए रे जाग छोड़ा
तू मुझको छोड़ चली
आज मैं अपने दिल की सदा से
आसमान को हिला के रहूँगा
मौत की नींद सोने वाली
आज तुझको जगा के रहूँगा
तू ना जागी तो मैं आँसुओं में सारे जाग को बहा के रहूँगा
तू अगर उस जहाँ से ना आई इस जहाँ को जला के रहूँगा
तू है मेरा बदन मैं बदन क्या..
रूप वापस बुला के रहूँगा
ओ मेरी आत्मा आत्मा को आत्मा से मिलाके रहूँगा
तू है मेरी दुल्हन आज होगा मिलन मेरी महुआ
वो तेरे वादे क्या हुए
क्या यही है वफ़ा, मुझे ये तो बता, मेरी महुआ
दोनो ने किया इज़हार मगर
मुझे याद रहा तू भूल गयी
मैने तेरे लिए रे जाग छोड़ा
तू मुझको छोड़ चली
-- Kalingaa...
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