मैं तुम्हें दिल में बसा लूँ अगर बुरा ना लगे
मैं तुम्हें अपना बना लूँ अगर बुरा ना लगे...
तुम ही हो चाहत मेरी, तुम ही हो मंज़िल मेरी
तुम्हें धड़कन में छुपा लूँ अगर बुरा ना लगे...
तन्हाई के आलम में तेरा इंतज़ार करता हूँ
तेरी भी नींदें चुरा लूँ अगर बुरा ना लगे...
तुम ही मेरी ख्वाहिश हो, तुम ही ज़िंदगी हो, तुम ही बंदगी हो
तुम्हीं से तुन्हें चुरा लूँ, कलिंग का बना लूँ, अगर बुरा ना लगे...
-- Kalingaa...
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