A gem from pen of Nida Fazli and used a song 'Jeevan Kya Hai" in "Iss Raat ki Subah Nahin"..
-- Kalingaa...
जीवन क्या है, चलता फिरता एक खिलौना है
दो आँखों में एक से हँसना, एक से रोना है
जो जी चाहे वो मिल जाए कब ऐसा होता है
हर जीवन तो जीवन जीने का समझौता है
अब तक जो होता आया है वो ही होना है
रात अंधेरी भोर सुहानी यही ज़माना है
हर चादर में दुख का ताना सूखा का बाना है
आती साँस को पाना जाती साँस को खोना है
-- Kalingaa...
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