ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए..
वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए...
दिल को अपने सज़ा ना दे यूँही,
इस ज़माने की बेरूख़ी के लिए..
वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए...
कल ज़वानी का हस्र क्या होगा,
सोच ले आज दो घड़ी के लिए..
वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए...
हर कोई प्यार ढूढ़ता है यहाँ,
अपनी तन्हा सी ज़िंदगी के लिए..
वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए...
वक़्त के साथ साथ चलता रह,
यही नियत है हर इंसान के लिए..
वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए...
-- Kalingaa...
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