the Second Common Man
Often Wrong but Never in Doubt.
Roshniyan...
हम तो चले थे अकेले ही राह-ए-मंजिल
अच्छा हुआ हमसफ़र तुम भी मिल गए...
पहले तो डरते थे कुछ अँधेरे हमसे
अब तो रोशनियों के दिल दहल गए...
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