फिर बटोरने लगे यादों का तिनका तिनका...
लेकिन हमेशा जैसी किस्मत, ना थी ज़्यादा खुशी की...
वो जुदाई का पल भी निकल आया, बेदर्दी से, बेखुदी से....
किसी ने उन यादों को काग़ज़ पे लिख कहानी का नाम दिया...
हमने तो उन यादों ने लंबी रातें दी और हाथ में जाम दिया...
उन्होने ना सही लेकिन कलिंग ने उनकी रुसवाई को भी थाम लिया...
- Kalingaa...
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