उनको भी हमसे वैसी ही मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं.
एक सी दोनो की हालत हो ज़रूरी तो नहीं...
दिल की चाहत तो कई ख्वाब बना देती है.
हाँ मगर किस्मत साथ दे, ज़रूरी तो नहीं...
मेरी तन्हाइयों में जिनकी आवाज़ गूँजती हैं.
उन्हे भी हमसे वास्ता हो ज़रूरी तो नहीं...
मुस्कुराने से भी होता है गम-ए-दिल का बयान.
ज़ुदाई में 'कलिंग' हर वक़्त रोना ज़रूरी तो नहीं...
--- Kalingaa...
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