जीना यहाँ, मारना यहाँ,
इसके सिवा जाना कहाँ
जी चाहे जब हमको आवाज़ दो
हम हैं वहीं, हम थे जहाँ,
अपने यहीं दोनो जहाँ
इसके सिवा जाना कहाँ
जीना यहाँ........
ये मेरा गीत, जीवन संगीत
कल भी कोई दोहराएगा
जग को हंसाने बहुरुपिया
रूप बदल फिर आएगा
स्वर्ग यहीं, नरक यहाँ
इसके सिवा जाना कहाँ
जीना यहाँ......
कल खेल में हम हों ना हों
गर्दिश में तारे रहेंगे सदा
भूलेंगे हम, भूलोगे तुम
पर हम तुम्हारे रहेंगे सदा
रहेंगे यहीं अपने निशान
इसके सिवा जाना कहाँ
जीना यहाँ ...
-- Kalingaa...
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