मैने दिल से कहा, ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
मैने दिल से कहा, ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
मैने दिल से कहा ढूँढ लाना खुशी
बेचारा कहाँ जानता था
खलिश है यह क्या खाला है
शहर भर की खुशी से
यह दर्द मेरा भला है
जश्न यह राज़ ना आए
मज़ा तो बस गम में आया है
मैने दिल से कहा, ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
कभी है इश्क़ का उजाला
कभी है मौत का अंधेरा
बताओ कौन बसेरा होगा
मैं जोगी बनूँ या लुटेरा
कई चेहरे हैं इस दिल के
नाजाने कौनसा मेरा
मैने दिल से कहा ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
हज़ारों ऐसे फ़ासले थे
जो तय करने चले थे
राहें मगर चल पड़ी थी
और पीछे हम रह गये थे
कदम दो चार चल पाए
किए फेरे तेरे मन के
मैने दिल से कहा, ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
मैने दिल से कहा, ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
-- Kalingaa...
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