Dil Ko Saza Di Hamne (दिल को सज़ा दी हमने)....

अबकी बार यूँ ही दिल को सज़ा दी हमने
उसकी हर बात भुला दी हमने

एक एक फूल कलिंग बहुत याद आया
साख-ए-दिल जब वो जला दी हमने

आज तक जिस बात पे वो इतराते थे
उन लम्हों को भी सज़ा दी हमने

सहर-ए-जहाँ राख से सरोबार बनी
आग जब दिल की बुझा दी हमने

आज फिर याद बहुत आया था वो
आज फिर उसको दुआ दी हमने


कलिंग कोई तो बात है उसमें
हर खुशी जिसपे लूटा दी हमने
अबकी बार यूँ ही दिल को सज़ा दी हमने
-- Kalingaa...

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