Mera Apna Tajurba Hai....

Another gem from Dr. Kumar Vishwas

मेरा अपना तजुर्बा है, तुम्हें बतला रहा हूँ मैं,
कोई लब छू गया था तब, के अब तक गा रहा हूँ मैं....

बिछूड़ के प्यार में कैसे जिया जाए बिना तडपे
जो मैं खुद नहीं समझा वही समझा रहा हूँ....

किसी पत्थर में मूरत है, कोई पत्थर की मूरत है,
लो हमने देखली दुनिया जो इतनी खूबसूरत है

ज़माना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर ये है,
तुझे मेरी ज़रूरत है, मुझे तेरी ज़रूरत है....
-- Kalingaa...

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